नौसेना में आज शामिल होगा INS विशाखापत्तनम, घातक मिसाइलों से है लैस
स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक विशाखापत्तनम को आज नौसेना में शामिल किया जा रहा है. ये ब्रह्मोस और बराक जैसी घातक मिसाइलों से लैस होने वाला है.

आज भारतीय नौसेना में मिसाइलों और पनडुब्बी रोधी रॉकेटों से लैस स्वदेश में निर्मित 'स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक विशाखापत्तनम' को शामिल किया जाने वाला है. इसको लेकर अधिकारियों का ये कहना है कि पश्चिमी नौसेना कमान में होने जा रहे समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और शीर्ष नौसैनिक कमांडर शामिल होंगे. इसके अलावा अधिकारियों का भी ये कहना है कि विशाखापत्तनम सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, पनडुब्बी रोधी रॉकेट और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और संचार उपकरणों के साथ-साथ हथियारों और सेंसर से लैस हैं. ये 35 हजार करोड़ रुपये की परियोजना 15बी का पहला विध्वंसक है. इस चलते कुल चार युद्धपोत बनाए जा रहे हैं.
ये हैं आईएनए विशाखापत्तनम की खूबियां
- हवाई हमले से सुरक्षित रहने के लिए आईएनएस विशाखापट्टनम 32 बराक 8 मिसाइल से लैस है.
- मिसाइल सतह से हवा में आसानी से मार सकती है.
- विमान, हेलिकॉप्टर, ड्रोन, एंटी शिप मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल को नष्ट करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है.
- 16 ब्रह्मोस मिसाइल से आईएनएस विशाखापट्टनम है लैस.
- लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और वजन 7400 टन है.
- इसकी रफ्तार अधिकतम 55.56 किलोमीटर प्रतिघंटा है.
- इसे चार गैस टर्बाइन इंजन से पॉवर मिलती है.
हर साल 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना अपना स्थापना दिवस मनाती है. 1971 युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ मिली विजय में शानदार भूमिका निभाने के उपलक्ष्य में नौसेना अपना स्थापना दिवस मनाती है.