लंबे इंतजार के बाद आज मिलेगा दिल्ली को नया मेयर, BJP-AAP दोनों की तरफ से क्रास वोटिंग के आसार

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सदन की बैठक सुबह 11 बजे निगम मुख्यालय में होगी. मेयर चुनने के लिए यह चौथी कोशिश होगी. आप की तरफ से मेयर पद के लिए ईस्ट पटेल नगर वार्ड से पार्षद शैली ओबराय प्रत्याशी हैं तो भाजपा की ओर से शालीमार बाग से पार्षद रेखा गुप्ता उम्मीदवार

लंबे इंतजार के बाद आज मिलेगा दिल्ली को नया मेयर, BJP-AAP दोनों की तरफ से क्रास वोटिंग के आसार
लंबे इंतजार के बाद आज मिलेगा दिल्ली को नया मेयर

एमसीडी की ओर से मेयर चुनाव कराने के तीन असफल प्रयास के बाद आज दिल्ली को नया मेयर मिलने की पूरी संभावना है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को यानी की आज मेयर पद के लिए चुनाव होगा. मेयर से लेकर उपमेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के लिए कोई भी मनोनीत सदस्य (एल्डरमैन) मतदान नहीं कर सकेगा. भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) दोनों का दावा है कि वे मेयर चुनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी को महापौर, उप महापौर और नगर निकाय की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए दिल्ली एमसीडी की पहली बैठक बुलाने के लिए 24 घंटे के भीतर नोटिस जारी करने का आदेश दिया था.

BJP और APP की तरफ से क्रास वोटिंग के आसार  

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सदन की बैठक सुबह 11 बजे निगम मुख्यालय में होगी. मेयर चुनने के लिए यह चौथी कोशिश होगी. आप की तरफ से मेयर पद के लिए ईस्ट पटेल नगर वार्ड से पार्षद शैली ओबराय प्रत्याशी हैं तो भाजपा की ओर से शालीमार बाग से पार्षद रेखा गुप्ता उम्मीदवार हैं. दिल्ली में मेयर और उपमेयर चुनाव के बाद स्थायी समिति के छह सदस्यों के चुनाव भी बुधवार को होने वाले हैं. यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि छह पदों के लिए भाजपा के तीन प्रत्याशियों की जगह आम आदमी पार्टी (आप) ने चार प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है. ऐसे में भाजपा और आप दोनों की तरफ से क्रॉस वोटिंग के आसार हैं.

दोनों दलों के संपर्क में हैं पार्षद

सूत्रों का कहना है कि दोनों दलों के नेता एक-दूसरे के पार्षदों के संपर्क में हैं व अपने प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कराने की कोशिश में हैं. बुधवार को स्थायी समिति के सदस्यों के लिए होने वाले चुनाव में अगर भाजपा के तीनों प्रत्याशी जीत जाते हैं, तो भाजपा स्थायी समिति का अध्यक्ष बनाने की लड़ाई में आ जाएगी। अभी तक मेयर चुनाव कराने को लेकर चल रही खींचतान के पीछे भी स्थायी समिति ही मुख्य वजह थी.

6 जनवरी को बुलाई गई थी सदन की बैठक

नगर निगम चुनाव पिछले साल चार दिसंबर को हुए थे. एमसीडी इलेक्शन के एक महीने बाद 6 जनवरी को पहली बार सदन की बैठक बुलाई गई थी. बीजेपी और AAP के सदस्यों के हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. इसके बाद 24 जनवरी और फिर 6 फरवरी को बुलाई गई दूसरी और तीसरी बैठक भी मेयर का चुनाव नहीं हो सका. बता दें कि 4 दिसंबर, 2022 दिल्ली नगर निगम की 250 सीटो पर आम चुनाव हुआ-7 दिसंबर को परिणाम में आप को बहुमत मिला. आप को 134, भाजपा को 104 और तीन निर्दलीयों के साथ कांग्रेस को नौ सीटें मिलीं.