जानिए भगवान श्री कृष्ण को लगने वाले छप्पन भोग की कहानी
अक्सर आपके मन में यह सवाल ज़रूर आता होगा की छप्पन भोग क्या होते है? यह क्यों लगाया जाता है? इसके पीछे की कहानी क्या हैऔर छप्पन भोग में क्या आहार आते है?
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जन्माष्टमी के दिन कृष्ण भगवान की पूजा होती है जिसके साथ उन्हें छप्पन भोग भी लगाए जाते है. इस दिन कृष्ण भक्त पुरे दिन कृष्ण के नाम का जाप करते है,और दिन के अंत में अपने प्रिय कृष्ण की पूजा करते है, उन्हें भोग लगाते है और उसके बाद अपना व्रत खोलते है. इस दिन यशोदा पुत्र को छप्पन भोग लगाए जाते है. अक्सर आपके मन में यह सवाल ज़रूर आता होगा की छप्पन भोग क्या होते है? यह क्यों लगाया जाता है? इसके पीछे की कहानी क्या हैऔर छप्पन भोग में क्या आहार आते है? तो चलिए बात करते है इन्ही सब बातों के बारे में.
श्रीमद्भागवत महापुराण में इस बात का जिक्र किया गया है, जिससे हमे पता चलती है छप्पन भोग के पीछे की कहानी. कथा के अनुसार एक बार कृष्ण के प्रेम में डूबी गोपियों ने मास पर्यन्त यमुना में ब्रम्ह मुहूर्त में स्नान किया, इस स्नान के पीछे की वजह थी की सभी गोपिया कृष्ण को अपने वर के रूप में देखना चाहती थी. इस स्नान के बाद गोपियों ने देवी कात्यायनी को उद्दापन में छप्पन तरह के आहार देने की मन्नत मांगी. बस इसी के बाद छप्पन भोग को सभी लोग जानने लगे.
यह छप्पन भोग आहार है-
1. भक्त (भात),
2. सूप (दाल),
3. प्रलेह (चटनी),
4. सदिका (कढ़ी),
5. दधिशाकजा (दही शाक की कढ़ी),
6. सिखरिणी (सिखरन),
7. अवलेह (शरबत),
8. बालका (बाटी),
9. इक्षु खेरिणी (मुरब्बा),
10. त्रिकोण (शर्करा युक्त),
11. बटक (बड़ा),
12. मधु शीर्षक (मठरी),
13. फेणिका (फेनी),
14. परिष्टश्च (पूरी),
15. शतपत्र (खजला),
16. सधिद्रक (घेवर),
17. चक्राम (मालपुआ),
18. चिल्डिका (चोला),
19. सुधाकुंडलिका (जलेबी),
20. धृतपूर (मेसू),
21. वायुपूर (रसगुल्ला),
22. चन्द्रकला (पगी हुई),
23. दधि (महारायता),
24. स्थूली (थूली),
25. कर्पूरनाड़ी (लौंगपूरी),
26. खंड मंडल (खुरमा),
27. गोधूम (दलिया),
28. परिखा,
29. सुफलाढय़ा (सौंफ युक्त),
30. दधिरूप (बिलसारू),
31. मोदक (लड्डू),
32. शाक (साग),
33. सौधान (अधानौ अचार),
34. मंडका (मोठ),
35. पायस (खीर),
36. दधि (दही),
37. गोघृत (गाय का घी),
38. हैयंगपीनम (मक्खन),
39. मंडूरी (मलाई),
40. कूपिका (रबड़ी),
41. पर्पट (पापड़),
42. शक्तिका (सीरा),
43. लसिका (लस्सी),
44. सुवत,
45. संघाय (मोहन),
46. सुफला (सुपारी),
47. सिता (इलायची),
48. फल,
49. तांबूल,
50. मोहन भोग,
51. लवण,
52. कषाय,
53. मधुर,
54. तिक्त,
55. कटु,
56. अम्ल.
भगवान श्री कृष्ण को लगाए जाने वाले इस छप्पन भोग में लगभग सभी व्यंजन उनके प्रिय है. इस भोग में रसगुल्ले से लेकर चावल,पूरी,पापड़,दही सभी होता है. तो इस बार अगर आप श्री कृष्ण को छप्पन भोग लगाना चाहते है तो हमारी इस लिस्ट को ज़रूर ध्यान में रखे. -