नर्क के कुएँ की पूरी सच्चाई, पहली बार 367 फीट गहरे ‘नर्क के कुएं’ में उतरे खोजकर्ता

आपने सुना तोह होगा ही नरख जाने का भी एक रास्ता है और कैसा लगेगा आपो सुनके की हमारे वैघानिको ने ये रास्ता ढूंढ लिया है

नर्क के कुएँ की पूरी सच्चाई, पहली बार 367 फीट गहरे ‘नर्क के कुएं’ में उतरे खोजकर्ता
प्रतीकात्मक तस्वीर

आपने सुना तोह होगा ही नरख जाने का भी एक रास्ता है और कैसा लगेगा आपो सुनके की हमारे वैघानिको ने ये रास्ता ढूंढ लिया है. इस वीडियो में हम आपको नरक का द्वार कहे  जाने वाले कुएं के बारे में बताएंगे. इसे नरक का रास्ता भी कहा जाता है. माना जाता है कि यहां शैतानों को कैद किया जाता था. यहां तक कहा जाता है कि इसके अंदर जिन और भूत रहते हैं. 


हमारी धरती पर ऐसी बहुत सी रहस्यमय जगह हैं जिनके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है, आज हम आपको एक ऐसे ही कुएं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे नरक का द्वार या नरक का कुआं कहा जाता है. ये कुआं आज भी दुनियाभर के वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ी रहस्य बना हुआ है. हम बता रहे हैं नरक का द्वार कहा जाने वाले कुएं के बारे में, जो यमन के बरहूत में स्थित है. इसे नरक का रास्ता भी कहा जाता है. माना जाता रहा है कि यहां शैतानों को कैद किया जाता था. यहां तक कहा जाता है कि इसके अंदर जिन और भूत रहते हैं. 


वहां के लोग तो इसके करीब जाना तो दूर, इसके बारे में बात करने से भी बचते हैं. निषिद्ध 'वेल ऑफ हेल', जिसका अंधेरा, राउंड होल यमन के पूर्वी प्रांत अल-महरा के रेगिस्तानी मंज़िल में 30 मीटर चौड़ा छेद बनाता है,सतह से लगभग 112 मीटर (367 फीट) नीचे गिरता है और, कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, अजीब गंध देता है. अंदर, ओमान केव एक्सप्लोरेशन टीम (ओसीईटी) को सांप, मरे हुए जानवर और गुफा मोती मिले - लेकिन अलौकिक गतिविधियाँ होने का  कोई संकेत नहीं मिला. ओमान में जर्मन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के भूगर्भ शास्त्र के प्रोफेसर मोहम्मद अल-किंडी ने एएफपी को बताया, "सांप थे, लेकिन जब तक आप उन्हें परेशान नहीं करेंगे, वे आपको परेशान नहीं करेंगे.


 हाल ही में इस कुएं के andar ओमान के 8 लोगों की एक टीम ने प्रवेश किया. इसके अंदर जाने के  बाद उन्होंने ये जानने की कोशिश की कि रियलिटी में इस कुएं के अंदर क्या है? जब वैज्ञानिकों की टीम ने कुएं के अंदर प्रवेश किया तो उनको किसी भी प्रकार का जिन और भूत   को नहीं मिला. हालांकि कुएं के अंदर सांप और गुफाओं वाले मोती जरूर मिले.


खोजकर्ताओं के मुताबिक, सतह से वो 367 फीट तक नीचे गए थे. वहीं अंदर कुछ गंध आ रही थी, लेकिन वो मरे हुए जानवरों की ही लग रही थी, हालांकि दsmell का रहस्य ठीक तरीके से नहीं सुलझा. उन्होंने ये भी बताया, कि जिस तरह से उन्होंने भूत प्रेतों आदि की बातें सुनी थीं, वहां वैसा पर कुछ नहीं था.