चीन के सीक्रेट प्रोजेक्ट में बड़ खुलासा, 30 साल से बना रहल बा मानवरहित ड्रोन सबमरीन
चीनी सेना सीक्रेट मानवरहित ड्रोन पनडुब्बियां प्रोग्राम के फंडिंग कर रहल बा.

नई दिल्ली: कोरोना के बाद से ही भारत अउर चीन के बीच विवाद अउर अधिक बढ़ गइल बा. इहे जारी विवाद के बीच एगो बड़ जानकारी सामने आईल बा जेसे पता चलता कि चीन पिछला 30 साल से सीक्रेट मानवरहित ड्रोन सबमरीन बना रहल बा. एगो चीनी रिसर्च टीम अंडरवाटर ड्रोन के अनावरण कइले बा, जौन केहू के निर्देश के बगैर शत्रु के पनडुब्बी के पहचान करे में सक्षम बा अउर ओकर पीछा कके हमला कर सकता.
चीन के सेना से मिल रहल बा प्रोग्राम के फंडिंग:-
प्राप्त एगो रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के सबसे बड़ सबमरीन रिसर्च इंस्टीट्यूट हार्बीन इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लियांग गुओलोंग बतवले बाड़े कि, 'चीनी सेना सीक्रेट मानवरहित ड्रोन पनडुब्बियां प्रोग्राम के फंडिंग कर रहल बा.'
हमला खातिर ना होई जवान लोग के आवश्यकता:-
प्रो लियांग गुओलोंग बतवले कि, 'ई सीक्रेट मानवरहित ड्रोन पनडुब्बियन के समुद्र के भीतर तलहटी में छोड़ल जा सकता अउर जब आवश्यकता होई तब ये सगरी के हमला करे खातिर सक्रीय कइल जा सकता. एकरा खातिर सैनिकन के आवश्यकता भी ना पडी. मने शत्रु के जहाज तथा पनडुब्बियन के सीक्रेट मानवरहित ड्रोन पनडुब्बियन के पता भी ना चली अउर ओकनी पर हमला हो जाई.'
बहुत छोट होई ये पनडुब्बियन के आकार
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रो लियांग गुओलोंग आगे कहले बाड़े कि, 'मानवरहित ड्रोन पनडुब्बियन के संचालन खातिर मनुष्य के आवश्यकता नइखे तथा एहि कारण एकर आकार बहुत छोट होई. भविष्य में समुद्र में होखे वाला जंग में ड्रोन सबमरीन के उपयोग कइल जा सकता अउर ऐमे सैनिकन के जान भी संकट में ना होई.'