आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और मुंबई में बारिश का भयंकर कहर, जानिए इस वक्त क्यों हो रही है इतनी बारिश?
ये वो समय होता है जब दक्षिण-पश्चिम मानसून पीछे की तरफ हटता है और उत्तर-पूर्व मानसून आगे की तरफ बढ़ता है।

हैदराबाद में पिछले कुछ दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है। जिसने हैदराबाद के कुछ इलाकों को जलमग्न भी कर दिया। मिली जानकरी के मुताबिक कुछ लोगों की मौत भी हो गई और कुछ लोग घायल भी हुए हैं। जिसके बाद हैदराबाद में हाई अलर्ट भी जारी कर दिया गया था। लेकिन बारिश का कहर सिर्फ हैदराबाद में ही नहीं है बल्कि मुंबई, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में भी टूट पड़ा है। इन जगहों पर भी मूसलाधार बारिश हो रही है। जिसने लोगों के रोजमर्रा के कामों विघ्न पैदा कर दिया है। रास्तों में पानी भर गया है लोगों को कहीं भी आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
क्या है इन जगहों की स्थिति? इस समय इस तरह बारिश होने का क्या है कारण? जानें इस खास रिपोर्ट में
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और मुंबई में बारिश का भयंकर कहर!
- IMD ने महाराष्ट्र और कर्नाटक के अलावा कुछ हिस्सों में बिजली के साथ भारी बारिश की दी चेतावनी
- मुंबई में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है, और पुणे में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है
- बुधवार के दिन देश के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्से में हुई भारी बारिश
- तेलंगाना, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में लगभग 35 लोगों की हुई मौत
- तेलंगाना सरकार ने आउटर रिंग रोड में सभी कंपनियों, कार्यालयों आदि में 2 दिन छुट्टी रखने के दिए आदेश
- ओडिशा सरकार ने बड़ी बाढ़ के खतरे को किया खारि, दो दिन से जिलों में बारिश हुई कम
- एनडीआरएफ ने महाराष्ट्र में बचाव कार्यों के लिए दो टीम की तैनात, एक लातूर और एक सोलापुर में लगाई गई
- महाराष्ट्र के सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी ने ऑनलाइन और ऑफलाइन एग्जाम्स को किया स्थगित
- आईएमडी के मुताबिक केला, पपीता के पेड़, बागवानी फसलों और ड्रमस्टिक के पेड़ आदि को हो सकता है भारी नुकसान
- मुंबई के लिए आने वाले 48 घंटे और भी ज्यादा खतरनांक , बढ़ सकती है बारिश
- आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर होते हैं चक्रवात आने के महीने, कभी-कभी दिसंबर तक भी खिच जाता है समय
- ये वो समय होता है जब दक्षिण-पश्चिम मानसून पीछे की तरफ हटता है और उत्तर-पूर्व मानसून आगे की तरफ बढ़ता है
- इस समय में बंगाल की खाड़ी के ऊपर दबाव बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है
- लेकिन भारत के कुछ हिस्सों में जिस तरह का मौसम अभी चल रहा है, उसके कारण चक्रवात बनने की स्थिति न के बराबर हो जाती है