संन्यास दीक्षा महोत्सव में बोले भागवत- 'सनातन धर्म' को किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं
मोहन भागवत ने संन्यासियों से कहा कि आप भगवा धारण का देश की शान बढ़ाने का संकल्प ले रहे हैं. भगवा ही है जो समय की कसौटी पर खरा उतरा है.
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उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे पतंजलि आश्रम में संन्यास दीक्षा महोत्सव के आठवें दिन बुधवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत भी पहुंचे. भागवत ने चतुर्वेद यज्ञ में आहुति दी. इस दौरान भागवत ने कहा कि भगवा त्याग का पर्याय है.
सनातन को प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं
मोहन भागवत ने कहा 'सनातन धर्म' को किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह समय की कसौटी पर खरा साबित हुआ है. उन्होंने कहा कि आज आप भगवा रंग धारण करके इसकी प्रतिष्ठा बढ़ाने का संकल्प ले रहे हैं. जो 'सनातन' है, उसे किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है. यह "समय सिद्ध" है.
भगवा समय की कसौटी पर खरा उतरा
मोहन भागवत ने संन्यासियों से कहा कि आप भगवा धारण का देश की शान बढ़ाने का संकल्प ले रहे हैं. भगवा ही है जो समय की कसौटी पर खरा उतरा है. उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म जो बहुत पहले से था, आज भी है और कल भी रहेगा. उन्होंने कहा, "बाकी सब कुछ बदल जाता है. यह बहुत पहले शुरू हुआ था, आज भी है और कल भी रहेगा. हमें अपने आचरण से लोगों को 'सनातन' समझाना होगा."
गुलामी के संस्कारों और प्रतीकों को खत्म करना होगा: रामदेव
इस मौके पर मौजूद स्वामी रामदेव ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद पतंजलि महर्षि दयानंद, स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी और स्वदेशी शिक्षा प्रणाली के सभी क्रांतिकारियों के सपने को पूरा कर रही है. उन्होंने कहा, "देश आजाद हो गया, लेकिन शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था उसकी अपनी नहीं है. गुलामी के संस्कारों और प्रतीकों को खत्म करना होगा. यह काम केवल संन्यासी ही कर सकते हैं."
बता दें कि दस दिवसीय इस कार्यक्रम में देश के शीर्ष संतों के अलावा, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी शामिल होने की संभावना है.