Maharashtra Politics: पृथ्वीराज चव्हाण का बड़ा बयान, बोले- 1-2 महीने के अंदर आ जाएगा ये फैसला, चली जाएगी शिंदे की कुर्सी

Prithviraj chavan statement: महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि सीएम एकनाथ शिंदे की कुर्सी दो महीने के अंदर चली जाएगी. बीजेपी इसलिए अजित पवार से हाथ मिलाई है.

Maharashtra Politics: पृथ्वीराज चव्हाण का बड़ा बयान, बोले- 1-2 महीने के अंदर आ जाएगा ये फैसला, चली जाएगी शिंदे की कुर्सी
महाराष्ट्र कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

Maharastra Political Crisis: महाराष्ट्र में NCP से अजित पवार की बगावत के बाद से एक चर्चा हर तरफ हो रही है. वो है, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कुर्सी की चर्चा. महाराष्ट्र के कई राजनीतिक गणितज्ञों का कहना है कि सीएम शिंदे की कुर्सी अब खतरे में हैं. इसका फैसला बहुत जल्द होने वाला है. अब महाराष्ट्र के पूर्व और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने भी यही बात दोहरा दी है. उन्होंने कहा कि 2 महीने के अंदर शिंदे मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे. उनके खिलाफ कार्रवाई चल रही है. 1-2 महीने के अंदर वो निलंबित हो जाएंगे. 

पृथ्वीराज चव्हाण का बयान 

NCP से अजित पवार के बगावत पर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि यह मामला NCP का अंदरूनी मामला है. लेकिन राज्य की महा विकास अघाड़ी पर इसका असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यह जो कुछ महाराष्ट्र में हो रहा है, यह रणनीति दिल्ली में तय हुई थी कि अजीत पवार को साथ लेना है. कांग्रेस नेता ने कहा हमारी जानकारी है कि, एकनाथ शिंदे के खिलाफ कार्रवाई चल रही है. 1-2 महीने के अंदर  उसमें ये निलंबित हो जाएंगे.

कुर्सी को लेकर हो रही खींच तान 

चव्हाण ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने दल-बदल कानून का उल्लंघन किया है. जिसमें बचने की उम्मीद नहीं है और यह 16 विधायक चले जाएंगे तो नए मुख्यमंत्री की आवश्यकता होगी. ऐसी स्थिति में भाजपा के अंदर अजीत पवार पर विश्वास किया गया है. महाराष्ट्र में बेहद अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है. आंकड़ा बहुत ज़्यादा है लेकिन कुर्सी के लिए हो रही खींचतान और नाराजगी से कोई भी गुट खुश नहीं है.

 पारिवारिक मतभेद होने से राज्य की राजनीति पर असर

पृथ्वीराज चव्हाण ने आगे कहा, इतने वर्षों से चल रही कड़वाहट यह दर्शाती है. हो सकता है कि उनके(शरद पवार) दल के संचालन में कोई गलतियां हो. हालांकि यह उनके घर का मामला है. लेकिन पारिवारिक मतभेद होने से राज्य की राजनीति पर असर पड़ता है. इतने सालों से उन्होंने(शरद पवार) सभी को ज़मीन से उठाकर इतना बड़ा नेता बनाया और आज इस तरह की बाते कही जा रही यह दुख की बात है. जो शिंदे गुट के विधायक हैं उनमें से कुछ मंत्री बने थे जो बाकी थे वह मंत्री बनने की राह देख रहे थे लेकिन अब नाराज़ हैं. शिंदे गुट के एक मंत्री ने वापस जाने की भी बात कही थी.