Coromandel Train Accident: ओडिशा ट्रेन हादसे के 3 दिन बाद भी नहीं हो पाई 100 से ज्यादा शवों की पहचान

उड़ीशा में हुए ट्रेन हादसे में अब तक 100 से ज्यादा शवों की पहचान नहीं हो पाई है. मृतकों के परिजन भुवनेश्वर में पहुंच कर शव को पहचानने की कोशिश कर रहे हैं.

Coromandel Train Accident: ओडिशा ट्रेन हादसे के 3 दिन बाद भी नहीं हो पाई 100 से ज्यादा शवों की पहचान
ओडिशा ट्रेन हादसा

Odisha Train Accident: ओडिशा में 2 जून को हुए भीषण ट्रेन हादसे के बाद कम से कम 278 लोगों की जान चली गई और 1000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं. लेकिन हादसे को 3 दिन बाद भी अब तक 100 ज्यादा शवों की पहचान नहीं हो पाई है. इस पर अधिकारियों ने कहा कि अभी भी 101 शवों की पहचान की जानी बाकी है. क

900 लोगों को अस्पताल से छुट्टी 

एएनआई से बात करते हुए, पूर्वी मध्य रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक रिंकेश रॉय ने कहा कि ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में अभी भी लगभग 200 लोगों का इलाज चल रहा है."दुर्घटना में लगभग 1,100 लोग घायल हुए, जिनमें से लगभग 900 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई.

कई शवों पर कई लोग दावे कर रहे हैं

हावड़ा एडीएम जितिन यादव ने बताया कि लाशों की पहचान में हमें सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ शवों पर कई पक्ष दावे कर रहे हैं. हालांकि, भुवनेश्वर AIIMS का कहना है कि उन्होंने इस परेशानी से निपटने के लिए डीएनए सैंपलिंग शुरू कर दी है. 10 डीएनए सैंपल्स दावा कर रहे परिवारों से लिए गए हैं. 

193 शवों में 80 की हुई पहचान 

भुवनेश्वर नगर निगम के आयुक्त अमृत कुलंगे ने समाचार एजेंसी को बताया कि "भुवनेश्वर में रखे गए कुल 193 शवों में से 80 शवों की पहचान कर ली गई है. 55 शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि बीएमसी के हेल्पलाइन नंबर पर 200 से ज्यादा कॉल आए. 

2 मई को हुआ था हादसा 

ओड़िशा के बालासोर में शुक्रवार शाम को हुए हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को रेलवे ने 10 लाख रुपए, वहीं गंभीर रुप से घायलों को 50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव हादसे के बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन होने तक घटना स्थल पर ही डंटे रहे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हादसे का जाएजा लेने के लिए ग्राउंड जीरो पर पहुंचे थे.