सूडान से लौटे भारतीयों ने बताई खौफनाक मंजर की दास्तान, बोले- 'ऐसा लग रहा था कि हम मृत्युशय्या पर थे'
सूडान में पिछले 12 दिन से देश की सेना और एक अर्धसैनिक बल (रैपिड सपोर्ट फोर्सज) के बीच घातक संघर्ष जारी है, जिसमें कथित तौर पर 400 से अधिक लोग मारे गए हैं.
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सूडान में जारी संकट से निकाले जाने के बाद दिल्ली हवाई अड्डे पर सुखविंदर सिंह ने राहत की सांस ली. उन्होंने एयर पोर्ट पर मीडिया से कहा, 'ऐसे लग रहा था कि हम मृत्युशय्या पर थे...' सुखविंदर सिंह पेशे से इंजीनियर हैं और सूडान से निकल कर सऊदी अरब के रास्ते नई दिल्ली पहुंचे हैं.
सूडान में बहुत भयानक मंजर
सुखविंदर सिंह हरियाणा के फरीदाबाद के रहने वाले हैं. सुखविंदर सूडान जारी जंग को याद कर डर जाते हैं. उन्होंने कहा बहुत भयानक मंजर था. ऐसा लग रहा था कि मृत्युशय्या पर हों. भारत ने हिंसा ग्रस्त सूडान से अपने निकासी अभियान के तहत कम से कम 670 नागरिकों को बाहर निकाला है.
सूडान से निकाले गए 600 लोग
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बैठक की अध्यक्षता की जिसमें उन्होंने समीक्षा की और फंसे हुए नागरिकों को वापस लाने के लिए उपयुक्त उपाय करने का निर्देश दिया...अभी लगभग 600 लोग या तो भारत आ चुके हैं या रास्ते में हैं. 246 लोगों को महाराष्ट्र भेजा जा रहा है.
सऊदी सरकार से मिला सहयोग
मोहन क्वात्रा ने कहा, हमें सूडान से दूसरे देशों के नागरिकों को निकालने के अनुरोध भी प्राप्त हुए हैं. हम हर उस व्यक्ति को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं जो हमसे संपर्क करता है. विदेश सचिव ने आगे कहा हमारा प्रयास है कि जो भी भारतीय नागरिक युद्ध के क्षेत्र में फंसे हुए हैं, उन्हें शीघ्र वहां से निकालकर एक सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए. जेद्दा में व्यवस्था के संबंध में हमें सऊदी सरकार से उत्कृष्ट सहयोग मिला है.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि, सूडान में पिछले 12 दिन से देश की सेना और एक अर्धसैनिक बल (रैपिड सपोर्ट फोर्सज) के बीच घातक संघर्ष जारी है, जिसमें कथित तौर पर 400 से अधिक लोग मारे गए हैं. सूडान की सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच गहन बातचीत के बाद 72 घंटे के युद्धविराम पर सहमति बनने के मद्देनजर भारत ने सूडान से भारतीयों को निकालने के अपने प्रयास तेज किए.