Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र के किसानों ने मौसम विभाग को गलत भविष्यवाणी करने के लिए कोर्ट जाने की दी धमकी, जानिए पूरा मामला
मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र के किसान नेताओं ने भारतीय मौसम विभाग (IMD) पर मौसम के आने की गलत भविष्यवाणी करने का आरोप लगाया है.

मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र के किसान नेताओं ने भारतीय मौसम विभाग (IMD) पर मौसम के आने की गलत भविष्यवाणी करने का आरोप लगाया है. किसान नेताओं का उनका कहना है कि विभाग के गलत भविष्यवाणी की वजह से इस मौसम की प्रमुख फसलों के उत्पादन में भारी नुकसान हुआ है. किसान नेताओं ने इस मामले पर कोर्ट में जाने की धमकी दी है.
वहीं दूसरी ओर, मौसम विभाग के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के द्वारा कहा गया है कि किसानों को भ्रमित किया जा रहा हैं क्योंकि एक निजी मौसम एजेंसी ने इस साल के शुरुआती मानसून का पूर्वानुमान जारी किया था, जबकि आईएमडी ने इस भविष्यवाणी के विपरीत भविष्यवाणी की थी. उन्होंने आगे कहते हुए कहा कि किसानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें जो जानकारी मौसम विभाग द्वारा मिल रही है वह जानकारी उनके फसल के लिए वह सही है या नहीं.
भरत सिंह चौहान
भारतीय किसान संघ के मालवा प्रांत के प्रवक्ता भरत सिंह चौहान के द्वारा कहा है कि मौसम विभाग द्वारा ज्यादातर जो भविष्यवाणी मिलती है वह सही नहीं होती है. चौहान ने आगे पीटीआई-भाषा को बताया कि गलत भविष्यवाणी से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. हम आईएमडी के खिलाफ अदालत में मामला दर्ज करने पर सोच-विचार कर रहे हैं. लेकिन इस पूरे मामले पर अंतिम फैसला मुखिया द्वारा लिया जाएगा.
फसलों में हुआ भारी नुकसान
उज्जैन के एक किसान नेता द्वारा कहा कि किसान हमेशा मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार बुवाई की तैयारी करते हैं. लेकिन जैसे ही उसकी भविष्यवाणी गलत साबित हुई, उन्हें उनकी फसलों में भारी नुकसान को झेलना पड़ा और किसानों द्वारा बोई गई फसल नष्ट हो गई. यह इस साल हुआ. तो किसान आईएमडी पर कैसे भरोसा कर सकते हैं? उन्होंने आगे अमेरिका और अन्य जगहों का उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिका और अन्य जगहों पर मौसम की भविष्यवाणी एकदम सटीक होती है और किसान उसी के चलते फसलों की तैयारी करते हैं. भारत में सरकार जमकर खर्च कर रही है, लेकिन मौसम का पूर्वानुमान गलत साबित हो रहा है.
किसानों के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं : IMD
भोपाल मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों का कहना है कि निजी एजेंसियों और सरकारी एजेंसियों की भविष्यवाणियों से किसान भ्रमित हो गए. उन्होंने कहा कि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. कई जिलों में फर्जी मौसम विज्ञानी पैदा हुए हैं, वे मौसम की भविष्यवाणी करते हैं जैसे कि वे आईएमडी के प्रतिनिधि हों. उनके कारण भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है.