संघ की शस्त्र पूजा: दशहरा पर 'शस्त्र पूजन' क्यों करता है आरएसएस, जानिए इसकी वजह!

इस खास मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कई मुद्दों पर बात की। संघ प्रमुख ने इस खास मौके पर भारत-चीन सीमा विवाद पर बात करते हुए कहा कि भारत चीन के सामने डट कर खड़ा है।

संघ की शस्त्र पूजा: दशहरा पर 'शस्त्र पूजन' क्यों करता है आरएसएस, जानिए इसकी वजह!
mohan bhagwat, rss chief (credit:facebook)

आज पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ दशहरा का पावन पर्व मनाया जा रहा है। आज के इस पावन दिन पर शस्त्रों का पूजन किया जाता है क्योंकि ये त्योहार असत्य पर जीत का त्योहार है। नौ दिन तक देवी मां की पूजन के बाद 10वें दिन विजयदशमी के त्योहार को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन आपको बता दें कि आज के दिन सिर्फ घरों में ही नहीं बल्कि आरएसएस में भी पूरे विधि-विधान से शस्त्र पूजन किया जाता है। उसी के चलते आज नागपुर में स्थित संघ के कार्यालय में विजयादशमी का पर्व मनाया जा रहा है और इस उपलक्ष्य में संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने शस्त्र पूजा भी की। लेकिन क्योंकि कोरोना काल चल रहा है इस कारण से सिर्फ 50 लोग ही इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। जबकि राम मंदिर का फैसला आने के बाद से इस बार सभी बेहद खुश थे।

इस खास मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कई मुद्दों पर बात की। संघ प्रमुख ने इस खास मौके पर भारत-चीन सीमा विवाद पर बात करते हुए कहा कि भारत चीन के सामने डट कर खड़ा है। इसके अलावा देश का सबसे अहम मुद्दा कोरोना महामारी पर भी उन्होंने चर्चा की। उन्होंने कहा देश को सतर्क और सावधान करने के लिए कोरोना महामारी को बढ़-चढ़ कर बताया गया और इसका फायदा भी मिला। साथ ही कहा दूती पार्टियां देश की जनता को भड़काने का प्रयास कर रही हैं।


संघ द्वारा क्यों की जाती है शस्त्र पूजा?

हर वर्ष राष्ट्रीय सेवा संघ द्वारा इस खास दिन पर पूरे विधि विधान के साथ शस्त्र का पूजन किया जाता है। इसका प्रमुख कारण है कि विजयदशमी के दिन ही संघ की स्थापना की गई थी। आपको बता दें 27 सितंबर 1925 में विजयादशमी के दिन संघ की स्थापना की गई थी। डॉ. केशव हेडगेवार द्वारा इसकी स्थापना की गयी थी। हेडगेवार ने मात्र 17 लोगों के साथ मिलकर अपने घर पर ही एक बैठक में संघ का गठन करने की इच्छा जताई थी। 1975 में लगे  आपातकाल के समय पर संघ पर प्रतिबंध लगा था। लेकिन 1975 के बाद से संगठन का राजनैतिक महत्व बढ़ गया था।