सरकारी बंगले में रहने के लिए तरस रहे हैं 100 से ज्यादा विधायक, कट रहे हैं होटल में दिन
बिहार विधानसभा के चुनाव के नतीजे आए हुए कई महीने बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक 100 विधायकों की ये परेशानी खत्म नहीं हुई है.

बिहार विधानसभा के चुनाव के नतीजे आए हुए कई महीने बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक हमारे बीच ऐसे 100 विधायक ऐसे मौजूद हैं जो बिना सरकारी आवास के पटना में जैसे-तैसे करके रह रहे हैं. परेशानी उनकी यहीं खत्म नहीं होती है. नवनिर्वाचित विधायकों को सरकारी मकानों के लिए कभी भवन निर्माण मंत्री तो कभी विधानसभा सचिवालय का चक्कर काटना पड़ रहा है. इसके बावूजद उनकी समस्या का हाल नहीं हुआ है.
(ये भी पढ़ें: दिल्ली के नाइट कर्फ्यू के लिए ऐसे बनवाएं ई-पास, जानिए किन लोगों को होगी इसकी जरूरत)
विधायक की नाराजगी और गुस्से को देखते हुए बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने विधायकों को जल्द से जल्द आवास दिलाने को लेकर मंगलवार के दिन विधानसभा में एक उच्च स्तरीय बैठक तक कर डाली. इतना ही नहीं खुद अध्यक्ष भी आवास न मिलने से नाराज थे. इसी के चलते उन्होने भवन निर्माण विभाग के काम करने के तरीके पर भी सवाल खड़े कर दिए और पूछा कि जब उन्होंने विधायकों के लिए बन रहे सरकारी भवन का निरीक्षण तक किया था. साथ ही आदेश तक दिए गए थे कि जल्द से जल्द विधायकों को उनका आवास मुहैया कराए जाए ताकि इसके बावजूद अभी तक इन्हें आवास क्यों नहीं मिला है.
(ये भी पढ़ें: 6 हजार साल पुरानी इस कालीन से आखिरकार खुल गया देवताओं के प्रिय सोमरस का राज)
साफ तौर पर अपनी बात रखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आवास योजना के अंतर्गत पटना में बन रहे सरकारी आवासों में से 62 फ्लैट्स ऐसे है जिनका सिर्फ बहुत कम काम बचा है. उसे जल्दी से पूरा करके विधानसभा सचिवालय को दिया जाए, ताकि विधायकों को उनका आवास उपलब्ध कराया जा सकें. वैसे इस परेशानी के चलते कई विधायक बंगला नहीं मिलने के चलते किराए या फिर किसी होटल में या फिर अपने रिश्तेदार के यहां रूकने पर मजबूर हैं. परेशानी तो उस वक्त आती है जब उनके विधानसभा क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग मिलने के लिए आते हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने 4 जनवरी 2021 को हुई बैठक और स्थल निरीक्षण के बाद किसी भी तरह की प्रगति न होने के चलते नाराजगी जाहिर कर चुके थे.