सिर्फ सफ़ेद रंग में क्यों रंगें जाते हैं हवाईजहाज, क्या है इसकी मुख्य वजह? जानें विस्तार से

इसके अलावा सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण कारण ये है कि सफेद रंग का वजन दूसरे कलर्स की तुलना में कम होता है।

सिर्फ सफ़ेद रंग में क्यों रंगें जाते हैं हवाईजहाज, क्या है इसकी मुख्य वजह? जानें विस्तार से
symbolic image (credit:facebook)

आज का युग विज्ञान का युग है। जैसे-जैसे समय बीत रहा है दुनिया बहुत आगे बढ़ रही है हर दिन कोई न कोई नया अविष्कार हो रहा है। ऐसे ही दुनिया में बहुत सी विचित्र चीज़ें होती है जो हमारे मन कई तरह के सवाल पैदा करती हैं। मनुष्य का मन बहुत ही चंचल होने के साथ-साथ जिज्ञासाओं का भंडार होता है। हर चीज़ को देख कर हमारे मन में उत्सुकता उठती है और हम मन में उठ रहे सवालों के जवाब जानना चाहते हैं। ऐसा ही एक सवाल जो कई लोगों के मन में आया होगा। अक्सर आपने देखा होगा कि हवाई जहाज़ का रंग सफ़ेद होता है। ऐसे में कई लोगों के मन में ये जिज्ञासा उत्पन्न होती है कि आखिर ऐसा क्यों? हवाई जहाज़ किसी और रंग का क्यों नहीं बनाया जाता? इसके पीछे का क्या कारण है? तो चलिए हम आपको बताते हैं इसका कारण। 

हवाईजहाज को सफेद रखने की कई बड़ी वजहों में सबसे बड़ी वजह है कि सफ़ेद रंग गर्मी से बचाता है। क्योंकि प्लेन रनवे से लेकर आसमान तक सिर्फ धूप में ही रहता है, इसलिए हवाईजहाज पर हमेशा सूरज की किरणें पड़ती रहती हैं, सूरज की किरणों में इंफ्रारेड रेज होती हैं जो भयंकर गर्मी पैदा करती है। क्योंकि  सफेद रंग सबसे अच्छा रिफ्लेक्टर कहा जाता है। जिस कारण से प्लेन गर्म नहीं होते।

जहाज पर सफ़ेद रंग करना का एक और फायदा होता है कि उस पर आसानी से कोई स्क्रेच, डेंट या क्रैक दिखाई दे जाता है। ऐसे में प्लेन का निरिक्षण करना आसान हो जाता है। सफेद रंग के प्लेन की विजिबिलीटी और रंगों की तुलना में बढ़ जाती है।  साथ ही सफ़ेद प्लेन हर मौसम में भी विजिबल होता है जिससे एक्सीडेंट का खतरा कम हो जाता है।  इसके अलावा सबसे बड़ा और  महत्वपूर्ण कारण ये है कि सफेद रंग का वजन दूसरे कलर्स की तुलना में कम होता है। इसलिए किसी और रंग का इस्तेमाल नहीं किया जाता क्योंकि ऐसा करने से प्लेन का वजन बढ़ जाता है। 

इन सबके अलावा सफेद रंग के प्लेन को दोबारा बेचने पर उसके अच्छे पैसे मिल जाते हैं। प्लेन हमेशा धूप में रहता है इसलिए अगर इसपर कोई और रंग किया जायेगा तो वो फीका पड़ेगा तो प्लेन गन्दा दिखेगा और उसे जल्दी दोबारा पेंट करवाना पड़ेगा जिससे जबरदस्ती खर्चा बढ़ेगा। प्लेन का वजन बढ़ जाने से ईंधन की खपत भी बढ़ जाती है। हवाईजहाज़ का वजन कम होने से ईंधन का खर्चा भी कम हो जाता है