बचपन में लकड़ियां बीनने का काम करती थीं मीराबाई चानू, मेहनत लाई रंग
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मीराबाई चानू की तस्वीर
मीराबाई चानू ओलंपिक में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय भारोत्तोलक बन गई हैं. उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 में 49 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीता था. कर्णम मल्लेश्वरी ने मीराबाई चानू से पहले 2020 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था.
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वेटलिफ्टिंग करती मीराबाई चानू
मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 को मणिपुर के नोंगपेक काकचिंग गांव में हुआ था. शुरुआत में मीराबाई का सपना तीरंदाज बनने का था, लेकिन किसी कारणवश उन्हें वेटलिफ्टिंग को ही अपना करियर बनाना पड़ा.
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मीराबाई चानू की तस्वीर
मणिपुर से आने वालीं मीराबाई चानू का जीवन संघर्ष से भरा रहा है. मीराबाई का बचपन पहाड़ से जलावन की लकड़ियां बीनते बीता. वह बचपन से ही भारी वजन उठाने की मास्टर रही हैं.
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भारोत्तोलक करती मीराबाई चानू
बता दें कि इम्फाल की ही रहने वाली कुंजरानी भारतीय वेटलिफ्टिंग इतिहास की सबसे डेकोरेटेड महिला हैं. कोई भी भारतीय महिला वेटलिफ्टर कुंजरानी से ज्यादा मेडल नहीं जीत पाई है. बस, कक्षा आठ में तय हो गया कि अब तो वजन ही उठाना है. इसके साथ ही शुरू हुआ मीराबाई का करियर.
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मीराबाई चानू की तस्वीर
मीराबाई की कड़ी मेहनत आखिरकार रंग लाई जब उन्होंने 2014 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किलोग्राम भार वर्ग में भारत के लिए रजत पदक जीता. अपने लगातार प्रदर्शन के कारण, उन्होंने रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था.