राजस्थान में सियासी हलचल में एक के बाद एक नया मोड़ आता जा रहा है. सीएम अशोक गहलोत, सोनिया गाधी से मुलाकात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो गए. गहलोत ने बताया कि सोनिया गांधी से माफी मांगी. माफी के बाद के अब सवाल यह उठने लगा है कि, क्या सोनिया गांधी ने अशोक गहलोत को क्षमा करेंगी? इससे भी बड़ा सवाल यह है कि, क्या गहलोत मुख्यमंत्री बने रहेंगे? या राजस्थान को कोई नया सीएम मिलेगा. क्योंकि गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि, सीएम पद का फैसला सोनिया जी के हाथ में है. इन सवालों के बीच एक और खबर आई थी की सचिन पायलट भी सोनिया गाधी से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद पायलट का क्या होता है, इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. क्या राजस्थान को नया चेहरा मिलेगा या फिर सियासी उड़ान के लिए सचिन को अभी और इंतजार करना होगा.
सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद पायलट ने क्या कहा?
सोनिया गांधी और सचिन पायलट के बीच मुलाकात कल रात करीब 1 घंटे तक चली है. सचिन पायलट ने सोनिया गांधी के सामने अपनी बात रखी. लेकिन जब मीडिया के सामने आए तो नपे तुले शब्दों में जवाब दिए. पायलट ने पत्रकारों से कहा कि मेरा फोकस राजस्थान है, उम्मीद है कि आलाकमान सकारात्मक फैसला करेगा. उन्होंने कहा कि 10 से 12 महीने बचे हैं चुनाव में, सब लोग मिलकर चुनाव लड़ेंगे.
दो दिन में हो सकता है फैसला
कयास लगाए जा रहे हैं कि, राजस्थान के सियासी घमासान को लेकर अगले एक दो दिन में बड़ा फैसला हो सकता है. कांग्रेस के बड़े नेता के सी वेणुगोपाल ने कहा कि राजस्थान के सीएम पर अगले दो दिन में फैसला हो जाएगा. गहलोत की कुर्सी बचती है या राजस्थान को नया पायलट मिलता है. इन सवालों का जवाब मिलना अभी बाकी है.
कांग्रेस पर बीजेपी का हमलावर
इस बीच बीजेपी ने राजस्थान कांग्रेस पर हमला बोला है. राजवर्धन सिंह राठौर ने पूरे घटनाक्रम को सियासी साजिश करार दिया है. राठौर ने कहा, ''ये तो साढ़े तीन साल से चल रहा था, पर्दे के पीछे, षड़यंत्र की राजनीति तो कांग्रेस की कानून की किताब में है, उनके डीएनए में है. दुख इस बात का है कि इसमें राजस्थान पिछड़ रहा है. राजस्थान की सरकार बार बार बाड़े में चली जाती है. यहां मजदूर, कर्मचारी, और राजस्थान की आम जनता परेशान परेशान है. मुझे केवल राजस्थान से मतलब है, उनकी पार्टी में क्या चल रहा है, उससे मेरा कोई लेना देना नहीं है.''