क्या आप जानते हैं?
- मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था
- ध्यानचंद के पिता ब्रिटिश इंडियन आर्मी में एक सूबेदार के पद पर कार्यरत थे
- ध्यानचंद को शुरूआत में हॉकी खेलना पसंद नहीं था, उन्हें रेसलिंग में रूचि थी
- ध्यानचंद रात के समय में अभ्यास करते थे, इसलिए साथी खिलाड़ियों ने चांद नाम दिया
- उस टूर्नामेंट में ध्यानचंद ने 14 गोल किए, और एम्सटर्डम से ही मिला हॉकी का जादूगर नाम
- हॉलैंड में एक मैच के दौरान चुंबक होने की आशंका के कारण मेजर ध्यानचंद की स्टिक तोड़कर देखी गई
- हॉकी के महान खिलाड़ी ध्यानचंद ने अतंरराष्ट्रीय हॉकी में 400 गोल दागे, और अपने खेल से दुनियाभर को हैरान किया
- ध्यानचंद का 3 दिसंबर 1979 को दिल्ली में निधन हुआ, उनका अंतिम संस्कार उसी मैदान पर हुआ, जहां वह हॉकी खेला करते थे
- उस खास मूर्ति को लगाने का उद्देश्य यह है कि उनकी हॉकी में कितना जादू था
- ध्यानचंद ने ओलंपिक खेलों में 101 गोल और अंतरराष्ट्रीय खेलों में 300 गोल दाग कर ऐसा रिकॉर्ड बनाया जिसे कोई तोड़ नहीं पाया है
- दिल्ली में उनके नाम पर हॉकी स्टेडियम का उद्घाटन भी किया गया, इसके अलावा भारतीय डाक सेवा ने भी ध्यानचंद के नाम से टिकट चलाई