पश्चिम बंगाल विधानसभा के पहले चरण का चुनाव 27 मार्च को है. ऐसे में इस राजनीति पारी को जीतने के लिए बीजेपी हो या फिर टीएमसी एड़ी से चोटी तक का जोर लगाने में जुटी हुई है. जहां पार्टी ने आने वाले चुनाव को लेकर उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है उनमें से दो ऐसी उम्मीदवार लोगों के बीच बीजेपी ने अपनी तरफ से उतारी है जिसकी उम्मीद किसी को भी नहीं थी. यहां हम बात कर रहे हैं कलिता माझी और चंदना बाउरी की. इन दोनों महिलाओं की कहानी अपने आप में बेहद ही खास है, जिसे सुनकर आप भी बोल उठेंगे ये हुई न बात। तो चलिए जानते हैं दोनों उम्मीदवारों के बारे में एक-एक करके यहां.
कलिता माझी
कलिता माझी जिन्हें आउसग्राम से विधासभा से उम्मीदवार के तौर पर उतारा गया है. उनके बारे में बहुत कम लोगों को पता है कि वह घर-घर जाकर बर्तन मांजने का काम करती है. पहली बार जब उनके पास कॉल आया कि वो आउसग्राम विधानसभा की उम्मीदवार चुनी गई हैं तो पहले उन्हें ये मजाक लगा और वो दूसरे घर काम करने के लिए चली गई. लेकिन जब वो घर पहुंची तो सैकड़ों लोग वहां भीड़ लगाए खड़े थे. एक किसान की बेटी और एक घरेलू महिला कलिता पिछले कई सालों से 4 से 6 घरों में बर्तन साफ करने का काम करते हुए अपना घर चलती है.
लोगों से ये है कलिता को उम्मीदें
कलिता की ये उम्मीद है कि जिस तरह से अनसूचित जाति की होने के बाद भी उन्हें ये कदर दी गई है. जनता भी उन्हें उसी तरह से ही याद रखेंगी. अब बर्तन मांझने का अपना काम छोड़ते हुए कलिता चुनाव प्राचर के लिए छुट्टी पर चली गई है. उन्होंने इस बात का दावा किया है कि वह चुनाव जीती तो वो महिलाओं के लिए एक बेहतरीन माहौल बनाकर रखेंगी.
चंदना बाउरी
अब बात करते हैं दूसरी महिला उम्मीदवार जोकि दिहाड़ी मजदूर है. यहां बात कर रहे हैं हम चंदना बाउरी की. चंदना को बांकुड़ा क्षेत्र के सालतोरा सीट से बीजेपी ने टिकट दिया है. उनका मुकाबला एक अमीर और करोड़पत्ति उम्मीदवार से है. मनरेगा मजदूर का बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर खड़ा होना कई लोगों को हैरान करता हुआ दिखाई दे रहा है. चंदना के पत्ति भी मनरेगा के तहत मिस्त्री का काम करते हैं. चंदना का घर मिट्ठी का बना हुआ है और वहां शौचालय भी नहीं है. यहां तक की पीने के लिए नल की सुविधा भी नहीं है.
क्या टीएमसी के इस नेता को हरा पाएगी चंदना
चंदना के पास बैंक अकाउंट में केवल 30 हजार रुपये मौजूद है. चंदना सबसे गरीब उम्मीदवारों में से एक है. चंदना के नाम संपत्ति के नाम पर 3 बकरियां, 3 गांये और एक झोपड़ी मौजूद है. ऐसे में पार्टी के अलावा आसपास के लोग उनकी चुनाव प्रचार करने में मदद करते हुए नजर आ रहे हैं. टीएमसी के नेता संतोष कुमार मंडल से चंदना का मुकाबला है जोकि करोड़पति है. वैसे 2011 और 2016 से टीएमसी यहां से जीत चुकी है. इस किले को गिराने में अब चंदना कितनी कामयाब हो सकती है वो तो देखने वाली बात है.