Manipur Violence: मणिपुर हिंसा पर निकलेगा रास्ता? गृह मंत्री ने आज बुलाई सर्वदलीय बैठक

Manipur News: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में जारी हिंसा पर शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में सर्वदलीय बैठक बुलाई है.

Manipur Violence Update: मणिपुर में 3 मई से शुरु हुई हिंसा की घटना रुकने का नाम नहीं ले रही है. केंद्र और राज्य सरकार के तमाम कोशिशों के बाद राज्य में अभी भी आगजनी जैसी घटनाएं सामने आ जा रही हैं. अब मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली में शनिवार को सर्वदलीय बैठक की बुलाई है. इस बैठक की अध्यक्षा गृह मंत्री करेंगे. यह बैठक दोपहर 3 बजे होगी. राज्य सरकार ने अशांति रोकने के लिए इंटरनेट पर लगा प्रतिबंध 25 जून तक बढ़ा दिया गया है. वहीं हिंसा को लेकर विपक्षी दल भी केंद्र सरकार हमलावर हैं. 

राहुल गांधी ने साधा निशाना 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सर्वदलीय बैठक के आयोजन को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, "मणिपुर 50 दिनों से जल रहा है, मगर प्रधानमंत्री मौन रहे. सर्वदलीय बैठक तब बुलाई जब प्रधानमंत्री खुद देश में नहीं हैं! साफ है, प्रधानमंत्री के लिए ये बैठक महत्वपूर्ण नहीं है."

संजय राउत की प्रतिक्रिया 

वहीं, उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने कहा कि, हमने बार-बार मणिपुर का मुद्दा उठाया है. मणिपुर एक सीमावर्ती राज्य है. गृह मंत्रालय और मोदी जी की सरकार मणिपुर की हिंसा को रोक नहीं सकी...हमारी मांग है कि गृह मंत्री के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर में जाए और उग्र आंदोलन करने वाले लोगों से खुली चर्चा होनी चाहिए.

ओवैसी ने निकाला सांप्रदायिक एजेंडा 

AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इस बैठक पर भी सांप्रदायिक एजेंडा निकाल दिया है. ओवैसी ने कहा, 'देश के पीएम कहते हैं कि मुल्क में भेदभाव नहीं होता है. मणिपुर में 300 चर्च को जला दिया गया. वहां के DGP को हटा दिया गया और आप कहते हैं कि भेदभाव नहीं है. मणिपुर भेदभाव की बेहतरीन मिसाल बन चुका है. अगर यह भेदभाव नहीं है तो क्या है.' 

अब तक 115 लोगों की मौत 

बता दें कि मणिपुर में मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए कि मांग के खिलाफ राज्य की कूकी और नगा जनजातियों ने 3 मई को इंफाल से 60 किलोमीटर दूर चूराचांदपुर में आदिवासी एकता मंच निकाला था. इसके बाद वहीं से हिंसा भड़क उठी. जो अब तक  शांत नहीं हुई. दोनों ओर से चल रही इस हिंसा में अब तक करीब 115 लोग मारे गए हैं और 50 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं.