ज्योतिषियों के अनुसार अविवाहित लोगों को मासिक शिवरात्रि व्रत अवश्य करना चाहिए. इस व्रत के द्वारा व्रती का विवाह होता है. वहीं विवाहित महिलाओं को व्रत के पुण्य से सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है. इस दिन मंदिरों और मठों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है. भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाता है. साथ ही शिव मंदिर और घर में भी शिव की चर्चा की जाती है. ज्योतिषियों के अनुसार अविवाहित लोगों को मासिक शिवरात्रि व्रत अवश्य करना चाहिए. इस व्रत के द्वारा व्रती का विवाह होता है. वहीं विवाहित महिलाओं को व्रत के पुण्य से सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. भगवान शिव की पूजा करने से चंद्रमा भी मजबूत होता है.
नमः शिवाय मंत्र का जाप
इस दिन सबसे पहले सुबह उठकर ब्रह्म मुहूर्त यानी सूर्योदय से पहले भगवान शिव और माता पार्वती को याद कर प्रणाम करें. इसके बाद दिन की शुरुआत करें. अब सबसे पहले घर की सफाई करें और उसके बाद दूध, दही, पंचामृत, फल, फूल, धूप, दीपक, भांग, धतूरा और बिल्वपत्र से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. पूजा के समय महामृत्युंजय मंत्र की एक माला और ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके बाद आरती करें और अपनी मनोकामना भगवान शिव से कहें.