हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन और एचडीएफसी बैंक का 1 जुलाई को विलय हो गया. शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद हुई बैठक में दोनों कंपनियों के बोर्ड ने विलय को अंतिम मंजूरी दे दी थी. इसके साथ ही देश की पहली होम फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी का अंत हो गया है.
लोगों की सेवा
एचडीएफसी बैंक ने ट्वीट किया, 'भारत के नंबर एक निजी क्षेत्र के बैंक और भारत की नंबर एक होम लोन कंपनी के विलय के साथ, हम दुनिया के अग्रणी वित्तीय संस्थान में शामिल हो गए हैं. इस अवसर पर, हम उन लोगों की सेवा करने के लिए खुद को फिर से समर्पित करते हैं जिन्होंने इस मील के पत्थर को संभव बनाया है आप, हमारे ग्राहक.
विलय का उद्देश्य
एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक ने 4 अप्रैल 2022 को विलय की घोषणा की थी. विलय का उद्देश्य एचडीएफसी बैंक की अधिक से अधिक शाखाओं में आवास ऋण उपलब्ध कराना है. वहीं विलय से पहले एचडीएफसी के वाइस चेयरमैन और सीईओ केकी मिस्त्री ने बताया था कि एचडीएफसी के शेयरों की डीलिस्टिंग 13 जुलाई से प्रभावी होगी. यानी इस तारीख से हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के शेयर स्टॉक से हटा दिए जाएंगे. अदला-बदली. संयुक्त कंपनी के शेयरों में 17 जुलाई से कारोबार होगा.
लोगों की जरूरत
इस विलय से दोनों कंपनियों के कर्मचारियों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. विलय से पहले ग्रुप के चेयरमैन ने कहा था कि कंपनी में कोई छंटनी नहीं होगी. एचडीएफसी बैंक को हमारे लोगों की जरूरत है. इसके साथ ही कर्मचारियों के वेतन में भी कोई कटौती नहीं की जाएगी.