Supreme Courte on Manipur Video: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर की वायरल वीडियो की निंदा की है. उन्होंने कहा कि मणिपुर की जो घटना सामने आई है वो किसी भी सभ्य समाज के लिए ये शर्मसार करने वाली घटना है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. गुनाह करने वाले कितने और कौन हैं. वो अपनी जगह पर हैं पर बेइज्जती पूरे देश की हो रही है. मैं सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करता हूं कि वो अपने राज्यों में कानून व्यवस्थाओं को और मजबूत करें. खासतौर पर हमारी माताओं-बहनों की रक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाए.
दोषियों को माफ नहीं किया जाएगा:
पीएम मोदी ने देशवासियों को भरोसा दिलाते हुए बोला कि, इस देश के किसी भी कोने में, किसी के भी राज्य सरकार में राजनीति और वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून व्यवस्था का महात्म्य और नारी का सम्मान है. मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा. कानून अपनी पूरी शक्ति से और सख्ती से एक के बाद एक कदम उठाएगा. मणिपुर की इन बेटियों के साथ जो हुआ है इसको कभी माफ नहीं किया जाएगा.
संसद के मानसून सत्र का आज से शुरुआत
बता दें कि आज से संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हो रही है. सत्र के शुरु होने से पहले पीएम मोदी ने पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में आप सभी का स्वागत है. सावन का पवित्र मास चल रहा है. सावन मास पवित्र संकल्प और पवित्र कार्यों के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है. मुझे विश्वास है कि सभी सांसद मिलकर इस सत्र का जनहित में सर्वाधिक उपयोग करेंगे. संसद और हर सांसद की जो जिम्मेवारी है, ऐसे अनेक कानूनों को बनाना और उस पर चर्चा करना बहुत आवश्यक है. चर्चा जितनी पैनी होती है उतना जनहित में दूरगामी परिणाम देने वाले अच्छे निर्णय होते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर वीडियो पर जताई चिंता
मणिपुर के वायरल वीडियो पर सीजेआई ने चिंता जताई है. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से कार्रवाई करने को कहा है. उन्होंने कहा कि दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने का जो वीडियो सामने आया है वो वास्तव में परेशान करने वाला है. CJIने कहा कि सांप्रदायिक झगड़े के क्षेत्र में महिलाओं को एक उपकरण के रूप में उपयोग करना बिल्कुल अस्वीकार्य है. सीजेआई ने कहा कि अगर सरकार कार्रवाई नहीं करेगी तो हम करेंगे. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अब समय आ गया है कि सरकार वास्तव में कदम उठाए और कार्रवाई करें.
शुक्रवार को होगी अगली सुनवाई
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार से ये बताने को कहा कि अपराधियों को सजा दिलाने के लिए उन्होंने क्या कार्रवाई की है. मीडिया में दिखाई देने वाले दृश्यों के बारे में जो दिखाया गया है वह गंभीर संवैधानिक उल्लंघन और महिलाओं को हिंसा के साधन के रूप में उपयोग करके मानव जीवन का उल्लंघन दर्शाता है. जो संवैधानिक लोकतंत्र के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि केंद्र और राज्य सरकार उनके द्वारा उठाए गए कदमों से अदालत को अवगत कराएं. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई अगले शुक्रवार को तय की है.