Bihar News: बिहार विधानसभा में बुधवार को सदन में बीजेपी विधायकों ने जबरदस्त हंगाामा किया. प्रश्नकाल के दौरान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का विपक्ष ने जमकर विरोध किया. हंगामें के चलते सदन की कार्यवाही करीब 35 मिनट ही चली. तेजस्वी यादव जैसे ही ग्रामीण विकास सवाल का जवाब देने खडे़ हुए तो भाजपा विधायकों ने सीधे वेल में पहुंच गए. इसके बाद पोस्टर दिखाकर विरोध करने लगे. स्पीकर के आदेश के बाद मार्शलों ने विधायकों से पोस्टर ले लिया. इसके बीजेपी वेल में रिपोर्टिंग टेबल के पास रखे कुर्सी को उठाकर उछालने लगे. इसके बाद सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया. बता दें कि भाजपा विधायक तेजस्वी यादव के इस्तीफे पर अड़े हुए हैं.
बीजेपी विधायकों ने सदन में तोड़ी कुर्सी
दरअसल 'लैंड फॉर जॉब' मामले में सीबीआई (CBI) ने चार्जशीट दाखिल की है. इसमें तेजस्वी यादव का नाम आरोपी के तौर पर शामिल किया गया है. इसी को लेकर बीजेपी विधायक बिहार सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर हमलावर हैं. बीजेपी विधायक तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. वहीं तेजस्वी यादव ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि चार्जशीट में उनका नाम जानबूझ कर दिया गया है. सदन में हंगामें के दौरान बीजेपी विधायकों ने न सिर्फ कुर्सी तोड़ी बल्कि कागज फाड़कर तेजस्वी यादव के ऊपर फेंके. तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी विधायक सदन की कार्यवाही नहीं चलने देना चाहते हैं. इसीलिए सदन में हंगामा कर रहे हैं.
बीजेपी विधायक उल्टी सीधी बातें कर रहें हैं: तेजस्वी यादव
सदन से बाहर आने के बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, विपक्ष में जो लोग बैठे हैं उन्हें देख कर लगता ही नहीं है कि वे विधायक हैं. विधायक का जो आचरण होता है वे इनमें नहीं दिखता है. उनका काम केवल उलटी-सीधी बातें करना और कमेंट करना है.
बीजेपी विधायक नितिन नवीन सीएम नीतीश पर साधा निशाना
बीजेपी विधायक नितिन नवीन ने कहा कि एक चार्जशीट मिले हुए शख्स को सीएम नीतीश कुमार अपने बगल में बैठाकर घूम रहे हैं. नीतीश कुमार तो बहुत सिद्धांतों और आदर्शों की दुहाई देते थे. बिहार में इससे पहले के मामलों में कई नेताओं का इस्तीफा एक दिन में हो गया. लेकिन क्या मजबूरी है नीतीश कुमार की वो तेजस्वी के साथ घूम रहे हैं. विधायक विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि नीतीश कुर्सी बचाने के लिए डिप्टी सीएम को बर्खास्त नहीं कर रहे. आरजेडी के सहारे सीएम हैं. भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का ढोंग करते हैं.
क्या है लैंड फॉर जॉब घोटाला
दरअसल, यह पूरा मामला 2004 से 2009 के बीच का है. तब लालू यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि उन्होंने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी दी और उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा लीं. सीबीआई की मानें तो लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर कम कीमत में प्लॉट्स की रजिस्ट्री कराई गई.जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकाई गई.