महाराष्ट्र में भारी बारिश के बाद तटीय रायगढ़ जिले में भूस्खलन में 44 लोगों की मौत हो गई. एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में लगी हुई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि मलबे में और लोगों के दबे होने की आशंका है. रायगढ़ की महाड़ तहसील के तलाई और सखार सुतार वाड़ी गांव में गुरुवार शाम को भूस्खलन हुआ. महाड तहसील के पोलादपुर में 22 जुलाई से 23 जुलाई के बीच 305 मिमी बारिश हुई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं.
कलेक्टर निधि चौधरी ने भूस्खलन में 44 लोगों के मरने की पुष्टि की है. इनमें से तलाई में 32 और सखार सुतार वाड़ी में 4 लोगों की मौत हुई है. 30 लोग अभी भी फंसे हुए हैं. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम मुंबई से करीब 160 किलोमीटर दूर महाड पहुंच गई है और राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई है. एक और टीम के भी जल्द आने की संभावना है.
पीएम मोदी ने किया ये ऐलान
वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के रायगढ़ में भूस्खलन से जान गंवाने वालों के परिवारों की मदद के लिए हाथ बढ़ाने का ऐलान किया है. प्रधान मंत्री कार्यालय ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के रायगढ़ में भूस्खलन के कारण जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए पीएमएनआरएफ से प्रत्येक को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. घायलों को 50-50 हजार की सहायता दी जाएगी.
अमित शाह ने जताया दुख
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, महाराष्ट्र के रायगढ़ में भारी बारिश और भूस्खलन से हुआ हादसा बेहद दुखद है. मैंने इस संबंध में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनडीआरएफ से बात की है. एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं. लोगों की जान बचाने के लिए केंद्र सरकार वहां हर संभव मदद कर रही है.