भारत देश के अंदर पोहा और चावल काफी चाव के साथ खाया जाता है। पोहा को सुबह के नाश्ते के लिए बेस्ट ऑप्शन के तौर पर देखा जाता है। कई लोगों का ये कहना है कि चावल ज्यादा खाने से शरीर का वजन बढ़ता है। साथ ही कई तरह की परेशानियां भी पैदा होती है। लेकिन हैरानी वाली बात ये है कि पोहा और चावल दोनों एक ही अनाज से बनते हैं तो फिर दोनों में इतना फर्क क्यों? आइए जानते हैं क्या इसको लेकर एक्सपर्ट का कहना।
फाइबर से युक्त
सबसे पहले बात करतें हैं फाइबर की। पोहे में फाइबर ज्यादा होता है, जिसकी वजह से वो आसानी से पच जाता है। पेट तो भरा ही रहता है, लेकिन ज्यादा और जल्दी से आपको भूख भी नहीं लगती है। साथ ही ब्लड और शुगर लेवल भी मेंटन रहता है। ये आपको बाहर का खाना खाने से भी बचाता है।
आयरन की मात्रा
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि पोहे में आयरन की मात्रा भी ज्यादा मिलता है। इतना ही नहीं ये शरीर में रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन में काफी मदद करता है। एनीमिया जैसी खतरनाक बीमारी से भी आपको बचाने का काम करता है। ऐसे में जो लोग आयरन की कमी से जूझ रहे हैं उन्हें पोहा खाना चाहिए।
कैलोरी
इस मामले में चावल पोहे से आगे रहता है। चावल में कैलोरी ज्यादा होती है। वैसे पोहा को ज्यादा देर तक पकाना नहीं पड़ता है, इसलिए यह ज्यादा हैवी नहीं होता है। कैलोरी को लेकर अलर्ट रहने वालों के लिए पोहा फायदेमंद होता है।
बनाना होता है आसान
वैसे पकाने के मामले में चावल से ज्यादा पोहे आसान होते हैं। नााश्ते में पोहा ज्यादा खाया जाता है। इसमें सब्जियां, मसाले डालने से यह ज्यादा फायदेमंद और टेस्टी बन जाता है।