कॉन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक से अनुरोध किया गया है. रियल्टी कंपनियों ने आरबीआई से एमपीसी में रेपो रेट नहीं बढ़ाने को कहा है. क्रेडाई ने कहा कि इससे बिल्डरों और ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा होगा और आने वाले समय में घरों की बिक्री पर असर पड़ेगा. अमेरिका समेत ज्यादातर देशों के सेंट्रल बैंक रेट बढ़ा रहे हैं.
वित्तीय संकट
क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष हर्षवर्धन पटौदिया ने कहा, 'पिछले एक साल में आरबीआई द्वारा रेपो रेट में बढ़ोतरी के कारण निर्माण लागत बहुत तेजी से बढ़ी है. इसने उन डेवलपर्स के संकट को बढ़ा दिया है जो वित्तीय संकट से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. रेपो दर में और वृद्धि से कुछ परियोजनाओं को पूरा करना आर्थिक रूप से कठिन हो जाएगा और घर खरीदार भी होम लोन की दरों को सर्वकालिक उच्च स्तर तक पहुंचने से कतराएंगे.
बाजार में नरमी आएगी
क्रेडाई ने कहा कि इससे रियल एस्टेट बाजार में नरमी आएगी यह कोविड के बाद की प्रवृत्ति के विपरीत होगा जब घर की खरीदारी में तेजी आई. Housing.com के सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि आरबीआई रेपो रेट में मामूली बढ़ोतरी कर सकता है और 2023 के अंत तक दरों में बढ़ोतरी रुक सकती है. उन्होंने कहा कि इस कदम का रियल एस्टेट की मांग पर सीमित असर होगा क्योंकि घर खरीदने का फैसला सिर्फ होम लोन की दरों पर निर्भर नहीं करता है इसके पीछे कई कारक हैं.