आज के दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि गुरुवार के व्रत करने से विवाह में आ रही अड़चन दूर हो जाती हैं और घर में खुशियों के साथ लक्ष्मी का वास रहता है. गुरुवार के दिन विधि विधान से पूजन किया जाता है.
क्यों की जाती है भगवान विष्णु की पूजा
आपको बता दें कि गुरुवार का दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति को समर्पित है। यही कारण है कि इस दिन को गुरुवार या गुरुवार भी कहा जाता है. हिंदू पौराणिक मान्यताओं में यह भी माना जाता है कि गुरुवार को पक्षियों में सबसे भारी गुरु गरुड़ देव ने कठोर तपस्या करके गुरुवार को ही भगवान विष्णु की शरण ली थी. तभी से गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा का विशेष दिन माना जाता है.
गुरुवार की व्रत विधि
वैसे स्वेच्छा से कितने दिन का उपवास रखा जा सकता है. लेकिन हो सके तो 16वें गुरुवार तक व्रत रखना चाहिए और 17वें गुरुवार को उद्यापन करना चाहिए। पुरुष इस व्रत को लगातार 16 गुरुवार तक कर सकते हैं, लेकिन महिलाओं या लड़कियों को यह व्रत तभी करना चाहिए जब वे पूजा कर सकें और यह व्रत कठिन दिनों में नहीं करना चाहिए.