कोरोना महामारी दो साल के लगभग हो चुके है लेकिन अभी तक इसका कोई ठोस इलाज नहीं खोजा जा सका है. दुनिया भर के वैज्ञानिक इसका स्थायी इलाज खोजने में लगे हैं. एक दवा जो न सिर्फ कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकती है बल्कि उसे खत्म भी करती है. अब वैज्ञानिकों को समुद्र तल में एक ऐसा पदार्थ मिला है जो कोरोना का स्थायी इलाज बन सकता है. यह समुद्र में बड़ी मात्रा में मौजूद है.
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अब आप पूछेंगे कि क्या धरती पर दवा मौजूद नहीं है. आप समुद्र में डुबकी क्यों लगाएंगे? वैज्ञानिकों का कहना है कि पेनिसिलिन ए चिकित्सा के इतिहास में सबसे बड़ी खोज थी. यह एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एंटीबायोटिक है. लेकिन इसके इलाज का तरीका किसी को नहीं पता था. जब बात आई तो इतिहास ही बदल गया. इसलिए अब हमें ऐसे एंटीवायरल की जरूरत है जो स्वाभाविक रूप से बड़ी मात्रा में कोरोना को हराने के लिए मौजूद हों.
The marine environment is a treasure trove for potential medicines
— The Conversation (@ConversationUK) November 11, 2021
Experts used computer-assisted methods to predict how MSPs would behave with the coronavirus
"A marine-derived drug for treating COVID could be something we see in the future."
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अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने समुद्री जानवरों से प्राप्त पदार्थों के साथ उपचार को मंजूरी दे दी है. इनमें से कई पदार्थ नैदानिक परीक्षणों के विभिन्न चरणों में हैं. ऐसा ही एक पदार्थ हाल ही में वैज्ञानिकों ने समुद्र के अंदर खोजा है. यह पदार्थ समुद्री शैवाल, विद्रूप और मछली में पाया जाता है. इन्हें समुद्री सल्फेटेड पॉलीसेकेराइड्स कहा जाता है.
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मान लीजिए एमएसपी ही कोरोना की दवा हो सकती है. लेकिन इसके लिए समुद्री शैवाल की तलाश है. उसे बाहर निकालो. इसे संसाधित करना और इस पदार्थ को इसमें से निकालना. फिर उसकी दवाई या वैक्सीन बना लें. यह बहुत लंबी और जटिल प्रक्रिया है. लेकिन अच्छी खबर यह है कि समुद्र में सल्फेटेड पॉलीसेकेराइड युक्त बहुत सारे समुद्री शैवाल और समुद्री शैवाल हैं. तो दुनिया भर के लोगों के लिए इससे दवा की लाखों खुराक बनाई जा सकती हैं.