रुद्रम: जानिए मेड इन इंडिया इस एंटी रेडिएशन मिसाइल की खासियत! दुश्मनों के उड़ाएगी होश

भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए रुद्रम मिसाइल आ गई है। जोकि दुश्मनों के जानिए कैसे छक्के- छुड़ाएगी।

9 अक्टूबर का दिन भारतीय वायुसेना के लिए बेहद ही खास साबित हुआ है। लड़ाकू भारतीय विमान सुखोई-30 से रुद्रम का सफल और शानदार परीक्षण किया गया। ये भारत की ताकत और बढ़ाने का काम करता हुआ नजर आया है। आपको बता दें कि ये भारत में बनाई गई पहली मिसाइल है जो किसी भी ऊंचाई से दागी जा सकती है। आइए यहां जानते हैं इस मिसाइल के बारे में खास बाते क्या है? और किस तरह से ये दुश्मनों को मात देगा।

- भारत में बनाई गई ये ऐसी पहली मिसाइल है, जो किसी भी ऊंचाई से दागी जा सकती है. 

- ये मिसाइल किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को पकड़ सकती है. अपनी रडार में लाकर ये मिसाइल नष्ट कर सकती है. 

- रुद्रम का शुक्रवार को पूर्वी तट से एक सुखोई -30 एमकेआई जेट से सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया।

- एंटी-रेडिएशन मिसाइलों को विरोधियों की रडार और अन्य रेडियो फ़्रीक्वेंसी स्रोतों का पता लगाने। साथ ही उन्हें ट्रैक करने आदि के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

-  मिसाइल के नेविगेशन तंत्र में एक इनरटेल नेविगेशन प्रणाली शामिल है। जो इसे और भी ताकतवार बनाने का काम करती है।

-  मिसाइल में मार्गदर्शन के लिए इसमें एक पैसिव होमिंग हेड है। 

- रुद्रम को सुखाई-30 के अलावा भी बाकी विमानों के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है जैसे कि जगुआर और मिराज।

- एक बार जब रुद्रम मिसाइल टारगेट पर लॉक हो जाती है, तो यह रेडिएशन के स्रोत के बीच में बंद करने पर भी सटीक रूप से प्रहार करने में सक्षम है।

- मिसाइल में फाइटर जेट से लॉन्च मापदंडों के आधार पर 100 किमी से अधिक की ऑपरेशन रेंज होती है।

- रुद्रम एक हवा से सतह पर मारने वाली मिसाइल है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।

- डीआरडीओ ने लगभग आठ साल पहले इस तरह की एंटी-रेडिएशन मिसाइलों का विकास शुरू किया था।

- संस्कृत नाम रुद्रम को परंपरा को ध्यान में रखते हुए दिया गया था, क्योंकि इसमें एआरएम अक्षर शामिल हैं और संस्कृत में इसका मतलब "दुखों का निवारण" है।

- रुद्रम को IAF की शत्रु वायु रक्षा (SEAD) क्षमता के दमन को बढ़ाने के लिए विकसित किया गया है।