Opposition Unity: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में 23 जून को राजधानी पटना में विपक्षी दलों की बैठक होने जा रही है. इस बैठक 18 विपक्षी दलों के शामिल होने की उम्मीद है. मीटिंग से पहले मुख्यमंत्री केजरीवाल ने विपक्षी नेताओं को एक पत्र लिखा है. केजरीवाल ने विपक्षी दलों से आग्रह किया है कि बैठक में सबसे पहले केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए दिल्ली में अध्यादेश पर चर्चा हो. केजरीवाल ने कहा कि राजधानी का अध्यादेश केवल एक प्रयोग है. अगर ये सफल हुआ तो केंद्र सरकार गैर बीजेपी शासित राज्यों में भी ऐसे ही अध्यादेश ला सकती है.
केंद्र अध्यादेश लागू कर जनतंत्र खत्म करना चाहती है: केजरीवाल
आम आदमी पार्टी के संयोजक ने कहा कि अगर दिल्ली में ये अध्यादेश लागू हो गया तो राजधानी में जनतंत्र खत्म हो जाएगा. फिर दिल्ली की जनता किसी भी सरकार को चुने उसकी कोई पावर नहीं होगी. केंद्र उपराज्यपाल के जरिए दिल्ली की सरकार चलाएगी. केजरीवाल ने कहा कि वो दिन दूर नहीं जब पीएम 33 राज्यपालों/ उपराज्यपालों से सभी राज्य सरकारें चलवायेंगे.
केजरीवाल सभी विपक्षी दलों से मुलाकात कर मांगें समर्थन
बता दें कि केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष के तमाम दलों से मुलाकात कर उनसे समर्थन मांग चुके हैं. कांग्रेस को छोड़कर लगभग सभी विपक्षी दलों ने केजरीवाल का समर्थन देने का वादा किया है. हालांकि केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात कर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगा था. लेकिन कांग्रेस ने अभी तक स्पष्ट नहीं किया कि समर्थन करेगी या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले खिलाफ केंद्र ले आई अध्यादेश
19 मई को सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि राजधानी में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार को है. लेकिन केंद्र सरकार ने कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाकर एक अथॉरिटी बना दी. जिसमें राज्यपाल को फिर से पावर दे दी गई.