रिपोर्ट के मुताबिक इस संकट की वजह से पर्यटन के क्षेत्र में 5 लाख करोड़ रुपये यानी 65.57 अरब डॉलर के नुकसान का अनुमान जताया गया है। ये आंकड़े बेहद ही चिंताजनक है क्योंकि भारत की पूरी अर्थव्यवस्था में से 6.8 प्रतिशत भाग पर्यटन उद्योग का शामिल है और जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के सपने पर पानी फैरता हुआ नजर आ रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर में 83 प्रतिशत खर्च घरेलू स्तर पर होता है, वहीं 17 फीसदी खर्च अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होता था। लेकिन कोरोना वायरस ने सभी लोगों को परेशान कर दिया।
कई लोगों को मिला इस इंडस्ट्री में रोजगार
कई चुनौतियां सामने हैं
पर्यटन इंडस्ट्री को सुचारू रूप में लगेगा समय
पर्यटन इंडस्ट्री को सुचारू रूप से सही जगह पर लाने के लिए कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं। हालांकि यह उतना आसान नहीं है क्योंकि अभी भी कोरोना वायरस की कोई दवा नहीं बनी है। जिसके कारण अभी भी लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए काफी सोच विचार कर रहे है इसीलिए इस उद्योग के पुनर्जन्म में समय लगेगा लेकिन एक बात बिल्कुल सच है कि राह पहले की तरह आसान नहीं होने वाली है। साल 2020 के शुरूआती पांच महीनों में विदेशी लोगों का भारत आना पिछले साल के मुकाबले 70 प्रतिशत कम कम रहा था जिसके कारण हीअंतरराष्ट्रीय पर्यटकों से दुनियाभर को 910 अरब डॉलर डॉलर की चपत लगी है।