परिवार पर जब भी आंच आती है तो एक आम इंसान कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार हो जाता है. आर्या 2 की इस सीरीज में आर्या सरीन भी ऐसा ही करती हुई नजर आती है. यहां पर सिर्फ परिवार के साथ-साथ परिवार के खानदानी कारोबार को लेकर भी सवाल खड़ा करता हुआ नजर आ रहा है. उसके चलते आर्या कुछ ऐसे फैसले ले लेती है, जिसका असर उसकी और उसके बच्चों की जिंदगी में तूफान लाने का काम करते हैं. कुछ हिस्से को छोड़ दे तो इन सबको सीरीज के रायटर, डायरेक्टर और उनकी टीम ने अच्छे से क्रिएट करने का काम किया है. यह ऑडिएंस को इस सवाल के बीच खड़ा करके छोड़ देती है कि क्या आर्या के फैसले सही है या फिर गलत?
आर्या के सामने मौजूद है कई धर्मसंकट
सीरीज में आर्या के सामने कानून का कुंआ जहां एक तरफ मौजूद होता है. तो वहीं दूसरी तरफ रशियन माफिया और अपने ही भाई संग्राम की हरकतों की खाई है. इन सबसे बचे तो फिर बदले की आग में तड़प रहे शेखावत परिवार की समस्या भी सामने आकर खड़ी हो जाती है. आर्या की बेटी आरू भी कई परेशानियां खड़ी करती हुई नजर आती है. ऐसे में आर्या कोर्ट अपने पिता और भाई के खिलाफ जाती है या नहीं? अपने पति के हत्या के आरोपियों के खिलाफ वह क्या कदम उठाती है? क्या एसीपी खान (विकास कुमार) आर्या को जेल में बंद कर पाता है या नहीं. खुद आर्या की मां राजेश्वरी का अतीत उसके सामने क्या धर्मसंकट लाता है. वह सब यहां देखने को मिलता है.
सीरीज की राइटिंग भी है कमाल
राइटिंग टीम ने यहां एक भरे पुरे परिवार के सामने भी सर्वाइवल की चुनौतियों को बखूबी पेश किया है. इस सीरीज के हर किरदार यानी बुजुर्ग से लेकर बच्चों ने अपने किरदार को शानदार तरीके से निभाया है. परिवार पर संकट आने प बचाव के परम उपाय के तौर पर दौलत हर बार सामने खड़ा आता है. ये पहलू सीरीज को यूनीक बनाते हैं.
सभी किरदारों ने ऐसे किया काम
सुष्मिता सेन ने आर्या सरीन के किरदार को शानदार तरीके से निभाया है. वहीं, दौलत के तौर पर सिकंदर खेर शानदार लगे हैं. एसीपी खान में कहानी वाले नवाज का अक्स विकास कुमार ने पेश किया है. आर्या सरीन के तीनों बच्चों के तौर पर काम करने वाले वीरेन वजीरानी, अरूंधती, आदित्य प्रत्यक्ष पवार अपने रोल में बेहतरीन नजर आए हैं. उनके अनप्रेडिक्टेबल बिहेवियर ने कहानी में जबरदस्त ट्विस्ट लाने का काम किया है.